• बदनाम घर

    ” लड़की तो देखने में ठीक-ठाक है! अपने माता-पिता की इकलौती संतान, वकालत की पढ़ाई भी खत्म होने वाली है। ऊपर से पिता शहर के नामी वकील! कल को अपना परिवार कभी मुसीबत में फंसा तो एक सहारा तो रहेगा। ” लड़के के मामा जी किशोरीलाल ने अपनी बहन किरण से कहा।”बात तुम्हारी सही है…

  • सूखे लाल गुलाब

    अपनी मेज पर बैठ उस लाल गुलाब को सामने रख, भीतर से पूरी तरह बिखर चुकी पूनम अपने दिल का फसाना एक कोरे कागज पर लिखती है, उसे भुलाना उसके बस में नहीं था ।कहने को तुम साथ थे!पर फिर भी थे ना साथ मेरेबस मैं ही थी!पर तुम थे ना साथ मेरेहालात बदल ना…

  • टूटा हुआ घोंसला

    “कमी क्या है तुममें? उपरवाले ने दोनों हाथ पैर दिए है और इतने अच्छे पेरेंट्स, पढ़ी-लिखी भी हो, क्या इतना कुछ लाइफ खुशी-खुशी जीने के लिये काफ़ी नहीं है?” “मेरी तरफ देखो मालिनी!!” “कितनों के पास ये भी नहीं होता!! बीमार तुम नहीं!! बीमार दूसरों की सोच है!! “जो अब तक हुआ उसे एक बुरे सपने की…

  • प्रेम परिक्षा

    “हेलो….मम्मी! मैं रीत, इससे पहले आप कुछ पूछे मैं ही आपको बता देती हूं, मैं जहा कहीं भी हूं, जिसके साथ हूं बिल्कुल ठीक हूं, आप चिंता मत करिए “”रीत अखिर तुम कहां हो???? तुम्हें ढूंढ ढूंढकर हम सबकी जान निकली जा रही है और उल्टा हमें कहती हो कि मेरी चिंता मत करो!!”i” मम्मी…

  • अनीता की शादी 

    दो चार बार “हाँ तू बहुत सुंदर दिख रही है!!”सुनने के बाद अचानक अनीता का आत्मविश्वास बढ़ गया।

  • कवच 

    उनके पास ना सर पर छत थी ना भूखे पेट को खिलाने खाने का एक दाना,जैसे तैसे राह चलते लोगों से गिड़गिड़ाते पैसे मांगकर अपनी मां तक पहुंच पाई थी वो.

  • बप्पा और मैं 

    माँ ने झटपट तौलिये लेकर मुझे ढँक कर पोछने लगी और टूटी आवाज़ में मेरी पीठ थपथपा मुझसे पूछती हैं, ” तू ठीक है ना गुड़िया?”

  • घर की देवी 

    सभी माँऔ का धर्म ही होता है सृष्टि पर सकरात्मक बदलाव लाना। 

  • बाहरी तारीफ पड़ी घर में भारी

    ” ये सब ड्रामे अपने कॉलेज के शो में किया करो घर में नहीं ”

  • कुछ तो गडबड है

    “ये लीजिए ब्रश और साबुन! अपना फैलाया रायता खुद साफ़ करना पड़ता है क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हैं? कल के अखबार में लेख आया था पढ़ा नहीं?”