सूखे लाल गुलाब

अपनी मेज पर बैठ उस लाल गुलाब को सामने रख, भीतर से पूरी तरह बिखर चुकी पूनम अपने दिल का फसाना एक कोरे कागज पर लिखती है, उसे भुलाना उसके बस में नहीं था ।कहने को तुम साथ थे!पर फिर भी थे ना साथ मेरेबस मैं ही थी!पर तुम थे ना साथ मेरेहालात बदल ना पाऊँ अपने!ये कैसी बेबसी मेरी?प्यार मुझसे था नहीं!फिर इजहार करते ही नहीं!मेरी उम्मीद थे तुम!पर तुम्हारी उम्मीद, में मैं नहींगुजारे इतने लम्हें साथ!फिर भी तुम्हारी उम्मीद,मैं नहीं!जो दिल तोड़ा मेरा!बिना माफ़ी मांग!माफ़ किया तुम्हेंखता मेरी ही थी!जो इस दिल में बसा रखा था तुम्हेंकिस मोड़ पर ठहर गई जिंदगी!कुछ होश नहींहो चली है अंधेरी राह, रोशनी दूर-दूर तक नहींरोशनी दूर-दूर तक नहीं….कैसे एक मुस्कान नुमा चिंगारी ने उनके रिश्तों को पनपा दिया था, मगर कुछ महीनों में उनके प्रेम की लौ आंसुओं से बुझेगी यह उसने कल्पना कभी नहीं की थी।जुदाई की लहरें कभी ज्यादा तो कभी कम उसे तड़पाती रहती, मगर जब कभी वो गाने उसके कानों पर पड़ते जो वो उसे सुनाया करता था, वो रास्ते जहां वे एक दूसरे का इंतजार किया करते थे, बारिश की वो बूंदे जिन्हें छूकर वे सबसे पहले एक दूसरे को याद किया करते थे…उसके दिए तोहफे और …किताब के बीच सहेजकर रखा हुआ वो गुलाबजो कभी अपने प्यार की गवाही देता था!आज जमीन में गिरते ही उन सूख चुकी यादों कोफिर से तरोताजा करने की कवायत करने लगा !!जिस वक्त उसे पाते ही जिंदगी में शबनम बिखर गई थीहाथ थामे उन्होंने साथ, जीने मरने की कसमें खाई थी!उसकी बेवफाई कहता वो गुलाब! उसके प्यार की तरह बेरंग हो चुका है!फिर भी उसमें क्षण मात्र प्यार का इत्र!आज भी क्यों महकता है?किताब में छुपा वो लाल गुलाब!! उसे अपने प्यार की याद दिला तड़पते रहता है।वो उसकी जिंदगी में फिर कभी नहीं आएगा!! इसके बावजूद भी उसका प्रेम कम ना हुआ, इस बात से वह कई बार अपने आप से नफरत कर बैठती थी।अपना हाल ए बयां वो किसी से ना कर पाई और ना ही कह सकती थी, जिन भावनाओं को वो खुद समझ नहीं पा रही हो उन्हें किसी से इजहार कैसे कर पाए? क्या कोई उसकी ऐसी हालत समझ पाएगा?” बेटा पुन्नू बधाई हो तुम्हारा जॉइनिंग लेटर आ गया है !!”” अरे वाह!! मुझे भी दिखाइए!”पूनम के पापा रमेश जी के हाथों से उसकी मम्मी नैना जी ने वह लेटर उत्साह पूर्वक थाम कर पढ़ने लगी।” थैंक यू पापा”पूनम ने दबी आवाज में कहा, उसका अब तक का सबसे बड़ा सपना हकीकत में बदल गया था मगर वो उस मोड़ पर खड़ी थी जहां पर उत्साह सुन्न हो जाता है।” बेटा पुन्नू उदास क्यों हो? बस 12 घंटे की तो बात है, कभी तुम ना पाई तो हम तुम्हारे पास आ जाएंगे। “गुमसुम पूनम के पास वे दोनों जाकर बैठ गये, कंधे में हाथ सहलाते, तो कभी उसके हाथों को थामते हैं, उन्हें तो यही लगता रहा कि बेटी पहली बार घर से दूर रहने वाली है इसलिए उदास होगी।” बेटा जाओ अपनी लाइफ इंजॉय करो! क्या पता शादी के बाद तुम्हें यह सब कर पाओगी या नहीं””मुझे शादी नहीं करनी ! मैं आप लोगों को छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी !” यह कहते हुए पूनम नैना जी को कसकर जकड़ लेती है जैसे उसका प्रिय खिलौना उससे छीन लिया गया हो।कुछ दिन बाद….पूनम 3 लड़कियों के साथ एक अपार्टमेंट शेयर कर पुणे में अपनी आईटी सेक्टर में जॉब ज्वाइन कर लेती है।” यह कोई चाय है? शक्कर मिला हुआ गरम पानी!”” दीदी आपको मशीन की चाय पसंद नहीं तो नीच स्टॉल में जाके पी सकते हैं, इस टाइम खास भीड़ भी नहीं होती” ऑफिस के चपरासी ने उसे कहा।” दीदी चाय ठीक लगी? लगता है आप यहां नए आए हो! अपनी चाय की हंडिया बिल्कुल एक्सपर्ट की तरह घुमाते हुए उसने उससे पूछा।” सच में चाय बहुत अच्छी बनी है! यहां मेरा पहला हफ्ता है! आपको कैसे पता?””मैं आपके ऑफिस के हर आदमी को नाम से जानता हूं! मेरा नाम हरि है आप अपना नाम क्या लिखती हैं?”” मेरा नाम पूनम है! चलिए मेरी चाय खत्म हो गई, कितने हुए”” ₹7″पूनम ने अपना बटुआ खोल पैसे निकालकर उसे देकर चली गई।अगले दिन….”हरि एक चाय”उस समय उसके टी स्टॉल में पूनम के अलावा और कोई ग्राहक नहीं था बातूनी हरि ने बिना हिचकते हुए कहा।”दीदी, क्या मैं आपसे एक पर्सनल बात पूछूं अगर आपको एतराज ना हो तो ? हरि ने उससे विनम्रता से पूछा।” हां बिल्कुल!”पूनम ने थोड़ा हकलाते हुए जवाब दिया, ये उनकी दूसरी मुलाकात थी, वह उसे बिल्कुल भी नहीं जानती और वह उससे एक कौन सी पर्सनल बात पूछना चाहता है? वो भी एक चाय वाला!!” क्या आप सच में उससे इतना प्रेम करती हैं? मैंने कल आपके पर्स में फोटो देखी थी”! दिल और नीयत का साफ हरि, थोड़ा घबराते हुए पूछने लगा, क्या पता पूनम दीदी उसे कैसी प्रतिक्रिया देती है।पूनम उसका सवाल सुनकर सन्न रह गई, झटपट अपनी चाय खत्म कर, बिना कुछ कहे अपने ऑफिस की ओर चल पड़ी।इतने दिन काम में व्यस्त होने के बाद उसे लगने लगा था जैसे उसके जीवन का वो अध्याय हमेशा के लिए समाप्त हो चुका होगा, मगर हरि के पूछने पर उसके पुराने घाव फिर से हरे हो गए उसने निश्चय किया की उसके टी स्टॉल कभी नहीं जाएगी।अगले दिन…” दीदी चाय पीने आज नीचे नहीं जा रहे?”मशीन वाली चाय देखकर उसने अपना सोचा हुआ फैसला बदलना चाहा, देखा जाए तो उस दिन उसने जो पूछा उसे पूछने के लिए उसने उससे पहले पूछा था ।हरि ने मौका देख कर पूनम से बात करना चाही,” दीदी कल के लिए आपसे माफी मांगना चाहता हूं! क्या करु मैं बिना कुछ सोचे अपने दिल की बात बोल देता हूं”” कोई बात नहीं! हो जाता है”और वे उस दिन जो हुआ वह बात भूल जाते हैं, धीरे धीरे पूनम अब हरि के साथ सहज होती जा रही थी, वह एक साधारण चाय विक्रेता जरूर होगा मगर कोई भी विषय में उसका सोचने समझने का तरीका औरों से बहुत हटकर था।1 दिन पूनम ने खुद होकर हरी से वह बात पूछ ली,”तुमने कैसे जाना कि मैं अभी तक उस रिश्ते से उबर नहीं पाई हूँ”।” आपकी मुस्कान के पीछे छुपी हुई उदासी सब बयां कर देती है “” अब तुम क्या लव एक्सपर्ट भी हो!”” इन सबसे गुजर चुका हूं, साल लग गए थे उबरने में! आपका प्यार मेरा प्यार अलग अलग थोड़ी ना होते होंगे! इसलिए आप की हालत समझते देर नहीं लगी, इसलिए उस दिन आपसे पूछ गया!”” हरि!!कोशिश तो करती हूं उन यादों को समेट कर रख दूं कहीं,शाम ढलती है और हवाओं से फिर बिखर जाती हूँ वहीं “” दीदी एक राय दूं? शायद आपके काम आ जाए””हां जरूर”” बस एक बात सोचो कि जिस इंसान के लिए आपने अपना इतना जीवन प्रभावित कर दिया, आंसू की नदियां बहा डाली, दिन-रात बेचैन रहने मजबूर हो गई!! क्या उस इंसान का भी आपके जैसा हाल है? क्या उन्हें आपकी ऐसी स्थिति का थोड़ा भी अनुमान है?””ऐसा बिल्कुल नहीं है, वह तो बहुत मौज में जी रहा है !!””दीदी यह बात तो पक्की है ना, अगर उन्हें आपकी थोड़ी भी परवाह होती तो आपको कभी ऐसी हालत में छोड़कर जा सकते थे?”” नहीं”” फिर उस इंसान के लिए इतना क्या सोचना? वो तो कुछ महीने या साल आपके साथ प्यार में होंगे, हम इन सब में उन लोगों को क्यों भूल जाते हैं? जिन्होंने आपको जन्म दिया, इतना पाला-पोसा, पढ़ाया-लिखाया, कि आज आप इतनी बड़ी फ़र्म में काम करने लायक बन पाए! उन्हें कैसा लगेगा जब वे जानेंगे कि आपकी हालत ऐसी है! कुछ नहीं तो केवल उनके लिए अपने आप को खुश रखना आपका कर्तव्य बनता है, इसलिए बिना मतलब के उदास बैठे रहने से कुछ नहीं मिलने वाला! आप अपनी वैल्यू समझें और आगे बढ़े!!””हां समझ गई हरि जी! आपको एक प्रचारक बनना चाहिए”पूनम ने हरी की सारी बातें बहुत ध्यान से सुनी, उसका कहा एक एक शब्द बिल्कुल सही था, वह अब तक का पहला इंसान होगा जिसने उसके भीतर चल रहे संघर्ष को समझा हो, उसकी बातें सचमुच असर करने लगी।”नहीं दीदी, मैं एक दिन प्रधानमंत्री बनूंगा” हरि ने हमेशा की तरह चहकते हुए कहा।पूनम हरि की बातों सुन के एक लंबे अर्से बाद अनवरत हंसने लगी और अचानक हंसते-हंसते उसे रोना सा आने लगा। यह देख हरि ने उस समय के बीच अपने दिल की बात कही जब वो अपने आंसू भरे चेहरे को छिपाने की कोशिश कर रही थी।” दीदी,आज टूट जाने दो इन दर्द के बांध को,आंसुओं के रास्तों से इन्हें बह निकलने दो,सींचने दो इन्हें भविष्य की खुशियों सेबस ये आंसू आज गिरे, कल आंखों में एक ना होकल आंखों में एक ना हो….”अगले दिन….”मैं अब हल्का महसूस कर रही हूँ, जैसे कि लंबे समय का दबा हुआ जहर, बाहर निकल गया हो।”” यह बहुत अच्छी बात है मगर अभी इलाज और बचा है”” अब और क्या करना होगा?”” एक खेल खेलना होगा!”” मतलब मैं समझी नहीं”” अब आपको उन पहलुओं के बारे में सोचता है कि अगर आप अभी भी उस रिश्ते में होती तो क्या अनर्थ हो जाता? अगर आपको एक सही जवाब मिल गया तो समझो आपने अपनी लड़ाई जीत ली “” यह कुछ अलग लग रहा है…. …. सोचने दो…हम्म…अपनी जिंदगी में सेल्फ डिपेंडेंट बनना मेरा सबसे बड़ा सपना था मगर उसे मेरा काम करना बिल्कुल पसंद नहीं होता और साथ ही मेरे मम्मी पापा उससे मेरी शादी कराने राजी नहीं होते…और इसी वजह से..मैं …….खुद उसे छोड़ देती…!!!मैंने ये क्या कह दिया!!…. क्या मैं सच में ऐसा करती??हे भगवान मुझे तो खुश होना चाहिए कि मेरा ब्रेकअप हो गया है!! हरि तुम तो स्टार निकले!!! आज तुम मुझसे जो मांगो में तुम्हें सब दे दूं” इस तरह से सोचने पर पूनम खुद आश्चर्यचकित रह गई।” आपसे कुछ कराने का यह अच्छा मौका है!! तो फिर सुनिए! उनसे जुड़ी हर एक छोटी से बड़ी चीज नष्ट कर दें”पूनम ने शान से अपना पर्स खोला, उसकी तस्वीर निकाली और उसके चार टुकड़े कर कूड़ेदान में तुरंत फेंक दिया, यह देख खुशी के मारे हरि ताली बजाने लगा।पूनम ने अपना एक नया मजबूत,आत्मविश्वास और परिपक्व संस्करण महसूस किया। टूटा प्यार, प्यार के मुकाबले अधिक शक्तीशाली होता है, यह बात उसे समझ आ गई ।आज वह बेहद खुश थी सोचा घर में बात कर लिया जाए” बेटा अभी हम तुम्हें ही याद कर रहे थे!”” अच्छा!!”” तेरे लिए रिश्ता आया है,लड़का आईटी में है, उसके पेरेंट्स को हम पहले से ही जानते हैं बहुत सज्जन लोग हैं, तुम छुट्टियों में जब आओगी तो तुम्हारी मुलाकात राजीव से भी हो जाएगी “”पापा, मुझे कुछ जरूरी काम खत्म करना है। मैं आपसे बाद में बात करती हूँ ” पूनम ने शादी की बात सुनकर आनन फानन फोन काट दिया।”घरवाले शादी करवाना चाहते हैं! मैं बिल्कुल तैयार नहीं हूं हरि, मुझे अब कभी प्यार नहीं हो सकता”बिना झिझक पूनम ने हरि से कहा।” दीदी बिल्कुल टेंशन ना ले! किसी से मिलने में कोई नुकसान नहीं!! इस बीच आप अपने लाइफ पार्टनर में क्या-क्या बातें चाहती हैं सोचे!अगर वो खरा उतरा तो ठीक, नहीं तो टाटा बाय बाय! सिंपल””पूनम उन्होंने तुम्हारा नंबर लिया है! तैयार रहना कभी भी फोन आ सकता है!”” छुट्टियों में आ तो रही थी फोन नंबर देने की क्या जरूरत थी?”” ठीक है ना बात कर लो! एक दूसरे को जान पहचान लो, हमारे जमाने में यह सब कहां चलता था!! राजीव की फोटो देखी? कितना हैंडसम है!!”” आपको इतना पसंद है तो आप ही शादी कर लीजिए! हर आदमी फोटो में अच्छा ही दिखता है मम्मी!! “अगले दिन, पूनम को एक अननोन नंबर से फोन आ रहा था उसे अपनी मम्मी की बात याद आई शायद यह वही तो नहीं ….।” हेलो पूनम मैं राजीव बात कर रहा हूं! आपसे बात करने का क्या यह सही समय है?”सामने वाले की मिश्री सी मीठी आवाज सुनकर पूनम ने घबराते हुए कहा ।”जी बिल्कुल”” आप तो जानती ही होंगी हमारी शादी की बातचीत चल रही है, मैं अपने मम्मी पापा के द्वारा बताई गई बातों से ज्यादा आपको खुद जाना चाहता हूं, सच पूछो तो शादी के नाम से मुझे बहुत डर लगता है!””सच कहूं तो मुझे भी”” क्या हम पहले दोस्त बन सकते हैं?”उसकी यह अपील पूनम को सरलता से बात करने का हौसला देने लगी, करीब 1 घंटे की सामान्य बातचीत के बाद वह एक मुस्कुराहट के साथ फोन रखती है।राजीव का जो अपने जीवन साथी के लिए नजरिया था उसके विचारों से वह बहुत प्रभावित हो गई, वैसे ही जैसा उसने भी अपने जीवन साथी के लिए कल्पना कर रखी थी।”हरि, मैंने कल राजीव से बात की!””आपकी मुस्कुराहट बता रही है कि वो आपको पसंद आ गया हैं “।कुछ दिनों बाद, घबराई हुई पूनम दोनों परिवारों की सभी चर्चाओं और हँसी अपने कमरे में बैठे सुन रही थी।”बेटी पूनम !! आओ सभी से मिलो”।वह धीरे से सभी के समक्ष पहुँची, हाथ जोड़, सिर झुकाकर सभी को “नमस्ते” कहते एक जगह जाकर बैठ गई।”इनसे मिलो ये हैं राजीव!”रमेश जी ने उसके कंधों को थपथपाया और उन्हें दूसरे कमरे की और जाने का रास्ता दिखाया, वे झिझकते हुए उठ खड़े हुए और कमरे की ओर जाने लगे और रमेश जी वापस मेहमानों के बीच जाकर बातें करने लगे।राजीव अपनी मैट्रिमोनियल फोटो से कहीं अधिक खूबसूरत निकले, उनके चांदी रंग के फ्रेम वाले चश्मे, एक सामान्य सफेद शर्ट उनके व्यक्तित्व के बिल्कुल अनुकूल थी, उनका लगाया मद्धम खुशबू वाला इत्र पूनम को मंत्रमुग्ध कर रहा था।”आपका घर बहुत सुंदर है”, राजीव ने कमरे के सभी कोनों को देखते हुए कहा।”थैंक्स”कुछ मिनट की बातचीत के बाद, वे कमरें के बाहर आ गए और अपने अपने माता-पिता के साथ बैठ गए। पूनम को राजीव का परिवार शांत और सरल लगा।हरि को दिए वादे के अनुसार, पूनम ने मुस्कुराते हुए उस सहेज कर रखे हुए बक्से को खोला, जिसमें उसके दिए उपहार, वो डायरी और वो सूखे लाल गुलाब जो उसने उसे कभी अपने प्रेम का इजहार करते वक़्त दिये थे ।पूनम ने उन्हें आखरी बार जी भर कर नहाते हुए खुद से कहा,” तुम्हारे साथ जितने भी पल गुजारे वे बहुत खूबसूरत थे, मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं, मैं तो बस यही सोच कर खुश हूं कि तुम्हारे लिए मेरा प्यार सो प्रतिशत सच्चा था। तुमसे जो दर्द मिले उसके लिए थैंक यू! इसने मुझे बहुत कुछ सिखाया। ऊपरवाला तुम्हें हमेशा खुश रखे, अलविदा।”राजीव और पूनम की बातचीत दिन से होते हुए रात तक पहुंचने लगी, वे हर एक बात पर स्वस्थ चर्चा करते थे, उन दोनों का आपसी तालमेंल बहुत अनूठा था।कुछ ही महीनों के भीतर उनके बीच विशेष संबंध स्थापित होने लगा । वे दोनों जिस तरह से थे, एक दूसरे को पसंद करने लगे। पर पूनम ने शादी के लिए अभी तक हां नहीं करी थी।एक दिन पूनम ने अपने अतीत के बारे में बताते हुए कहा,’ मैं प्यार में थी, वो रिश्ता इतना लंबा भी नहीं था जितनी की उसकी जुदाई मुझे गम दे गई थी।” मैं समझ सकता हूं! मुझे भी एक लड़की बहुत पसंद थी पर वो मुझसे नहीं किसी और से प्यार करती थी। मेरी लाइफ के वह बहुत मुश्किल भरे दिन थे, कुछ समय बाद एहसास हुआ कि हमे किसी से प्यार की भीख नहीं मांगनी चाहिए।”” आप तो परफेक्ट हैं कोई लड़की आपको कैसे पसंद नहीं कर सकती?””परफेक्ट तो तुम भी हो। शायद वे दोनों बहुत बदकिस्मत हैं जिनकी किस्मत में हम नहीं!” हर बार की तरह राजीव ने प्रभावशाली ढंग से जवाब दिया और हमेशा की तरह पूनम मुस्कुरा उठी।” कैसे हैं वो?” हरि ने उत्सुकतापूर्वक पूनम से पूछा।”वे बहुत अंडरस्टैंडिंग हैं, मेरी हर छोटी बड़ी बात बिना कहे समझ जाते हैं, वे भी मेरी तरह कभी प्यार में थे। क्या मुझे हाँ कर देनी चाहिए? पूनम ने हरि से उसकी राय पूछी।”दीदी जो इंसान आपकी भावनाओं को समझता हो वो आपको हमेशा खुश रखेगा! आप फाइनल कर दो और आज की चाय मेरी तरफ से!! ” हरि पूनम के लिए बहुत खुश हुआ।”मुझे पता चला है कि तुमने शादी के लिए हाँ कर दी? वो भी मुझसे बिना पूछे?” राजीव ने पूनम को मज़ाक से कहा।”मुझे आपका जवाब पता था इसलिए आप से पुछकर टाइम वेस्ट क्यों करूं?” यह कहकर दोनों एक साथ हंस पड़े, पूनम अब अपने पुराने रंग में ढलने लगी।राजीव ने अपना हाल-ए-दिल बयां करने का दिन चुन लिया, शायद उसके सामने वह अपनी बात अच्छे से बयां ना कर पाए, इसलिए उसने लाल गुलाब के गुलदस्ते के साथ एक चिट्ठी में अपने दिल का फसाना लिखकर उसे कैंडल लाइट डिनर पर ले गया।”आज तुम बहुत खूबसूरत दिख रही हो”” आप भी हमेशा की तरह हैंडसम दिख रहे हैं, यह फूलों का गुलदस्ता सामने वाली मेज पर बैठी लड़की के लिए है क्या?”पूनम तो जानती थी कि वह गुलदस्ता उसी के लिए उसने चिढ़ाते हुए राजीव से कहाराजीव उसे खत देने में थोड़ा झिझक रहा था, क्या पता उसके लिए वह भी वैसा महसूस करती है कि नहीं ?” ये तुम्हारे लिए ही है!!”” थैंक यू इसमें एक चिट्ठी भी है! जरा खोल कर पढ़ूं इसमें लिखा क्या है?” उसने उस लाल लिफाफे को खोल कर भीतर लिखें राजीव के दिल के अल्फाज पढ़ें,,,मैं जानता नहीं हूं,आखिर ये प्यार होता क्या है? मगर जब तुम सामने होती हो तो मेरी तलाश खत्म हो जाती हैआज इस खत से अपनी मोहब्बत तुम्हारे नाम करना चाहता हूं,जब ये दिल हक से कह सके कि, मैं तुम्हारा और तुम मेरी हो राजीव ने अनेक मौकों पर उसका दिल पहले से ही जीत लिया था। उसे राजीव के प्रति अपने प्रेम का एहसास कुछ दिनों से होने लगा था, उसका खत हर पंक्ति के साथ मुस्कुराते हुए पढ़कर वह उसे सहेज कर अपने पर्स में रख लेती है।”” तुम्हारे साथ अच्छा वक्त बीता पूनम!”” मेरा भी!””चलो फिर जल्द मुलाकात होगी!” यह कहते हुए राजीव जाने लगा, पूनम की प्रतिक्रिया ना देखते हुए उसे लग रहा था कि अपने प्यार का इजहार उसने थोड़ा पहले कर दिया।पूनम मुस्कुराई और सहजता से उसकी बाहों में समा कर अपनी भावनाएँ उसके कानों में कहने लगी,” तुम्हें आज ये इजहार करना चाहती हूं कि मैं तो कबसे तुम्हारी हो चुकी हूं,यह दिल जब से तुमसे मिला है, सदा यही कहता है कि तुम मेरे और मैं तुम्हारी हूं”वे दोनों एक दूसरे की आंखों में डूबे हुए एक दूसरे को निरंतर मुस्कुराते हुए देखते रहे!!हम लाख कोशिश कर लें मगर कोई भी अपने पहले प्यार की खट्टी, मीठी, कड़वी यादों को भुला नहीं सकता, कई लोगों को अपने ब्रेकअप से उभरने बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जिसके दर्द की सीमा को कोई आम इंसान नाप नहीं सकता ।उस गुजरे हुए अतीत को सकारात्मक रूप से अपनाकर इंसान फिर से नई शुरुआत जरूर कर सकता है ।Show quoted textवो दुखी हो अपनी डायरी पर रह-रह लिखती रही। एक प्यार भर ने उसे खूद से भटका दिया था, उस बेवफाई के समंदर में वो बदहवास अपनी आंखे खोलकर बस यहा से वहा कभी ज्यादा तो कभी कम दुख की लहरों में बहती जा रही थी।” बेटा पुन्नू बधाई हो तुम्हारा जॉइनिंग लेटर आ गया है !!” पूनम के पापा रमेश जी उसके कमरे की ओर आते उसे आवाज लगाते कहते है।” अरे वाह!! मुझे भी दिखाइए!” रमेश जी के हाथों से उसकी मम्मी नैना जी ने वह लेटर उत्साह पूर्वक थाम कर पढ़ने लगी, इतनी ही देर में पूनम अपने अश्क पोछ सामन्य बनकर कमरे से बाहर आई ।” थैंक यू पापा” पूनम ने दबी आवाज में कहा, देखा जाए तो उसका अब तक का सबसे बड़ा सपना हकीकत में बदल गया था मगर वो उस मोड़ पर खड़ी थी जहां पर उत्साह सुन्न हो जाता है।” बेटा पुन्नू उदास क्यों हो? बस 12 घंटे की तो बात है, कभी तुम ना पाई तो हम तुम्हारे पास आ जाएंगे। “गुमसुम पूनम के पास वे दोनों जाकर बैठ गये, कंधे में हाथ सहलाते, तो कभी उसके हाथों को थामते हैं, उन्हें तो यही लगता रहा कि बेटी पहली बार घर से दूर रहने वाली है इसलिए उदास होगी।” बेटा जाओ अपनी लाइफ इंजॉय करो! अपना केरियर बनाओ, जीतोड महनत करो, अब समय आ गया है जिसकी तुमने कबसे कामना कर रखी थी।क्या पता शादी के बाद की जिम्मेदारी तुम्हें यह सब करने कब तुमहारे पैर खीचने लग जाए ।””मुझे शादी नहीं करनी ! मैं आप लोगों को छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी !” यह कहते हुए पूनम नैना जी को कसकर जकड़ लेती है जैसे उसका प्रिय खिलौना उससे छीन लिया गया हो।कुछ दिन बाद….पूनम 3 लड़कियों के साथ एक अपार्टमेंट शेयर कर पुणे के सबसे बड़े आईटी सेक्टर में बहुत अच्छे पैकेज पर जॉब ज्वाइन कर लेती है।” यह कोई चाय है? शक्कर मिला हुआ गरम पानी!”” दीदी आपको मशीन की चाय पसंद नहीं तो नीच स्टॉल में जाके पी सकते हैं, इस टाइम खास भीड़ भी नहीं होती” ऑफिस के चपरासी ने उसे कहा।” दीदी चाय ठीक लगी? लगता है आप यहां नए आए हो! अपनी चाय की हंडिया बिल्कुल एक्सपर्ट की तरह घुमाते हुए उसने उससे पूछा।” सच में चाय बहुत अच्छी बनी है! यहां मेरा पहला हफ्ता है! आपको कैसे पता?””मैं आपके ऑफिस के हर आदमी को नाम से जानता हूं! मेरा नाम हरि है आप अपना नाम क्या लिखती हैं?”” मेरा नाम पूनम है! चलिए मेरी चाय खत्म हो गई, कितने हुए”” ₹7″पूनम ने अपना बटुआ खोल पैसे निकालकर उसे देकर चली गई।अगले दिन….”हरि एक चाय देना”उस समय उसके टी स्टॉल में पूनम के अलावा और कोई ग्राहक नहीं था बातूनी हरि ने बिना हिचकते हुए कहा।”दीदी, क्या मैं आपसे एक पर्सनल बात पूछूं अगर आपको एतराज ना हो तो ? हरि ने उससे विनम्रता से पूछा।” हां बिल्कुल!”पूनम ने थोड़ा हकलाते हुए जवाब दिया, ये उनकी दूसरी मुलाकात थी, वह उसे बिल्कुल भी नहीं जानती और वह उससे एक कौन सी पर्सनल बात पूछना चाहता है? वो भी एक चाय वाला??” क्या आप सच में उससे इतना प्रेम करती हैं? मैंने कल आपके पर्स में फोटो देखी थी”! दिल और नीयत का साफ हरि, थोड़ा घबराते हुए पूछने लगा, क्या पता पूनम दीदी उसे कैसी प्रतिक्रिया देती है।पूनम उसका सवाल सुनकर सन्न रह गई, झटपट अपनी चाय खत्म कर, बिना कुछ कहे अपने ऑफिस की ओर चल पड़ी।इतने दिन काम में व्यस्त होने के बाद उसे लगने लगा था जैसे उसके जीवन का वो अध्याय हमेशा के लिए समाप्त हो चुका होगा, मगर हरि के पूछने पर उसके पुराने घाव फिर से हरे हो गए उसने निश्चय किया की उसके टी स्टॉल कभी नहीं जाएगी।अगले दिन…” दीदी चाय पीने आज नीचे नहीं जा रहे?”मशीन वाली चाय देखकर उसने अपना सोचा हुआ फैसला बदलना चाहा, देखा जाए तो उस दिन उसने जो पूछा उसे पूछने के लिए उसने उससे पहले पूछा था ।हरि ने मौका देख कर पूनम से बात करना चाही,” दीदी कल के लिए आपसे माफी मांगना चाहता हूं! क्या करु मैं बिना कुछ सोचे अपने दिल की बात बोल देता हूं”” कोई बात नहीं! हो जाता है, आईनदा से ध्यान रखना”और वे उस दिन जो हुआ वह बात भूल जाते हैं, धीरे धीरे पूनम अब हरि के साथ सहज होती जा रही थी, वह एक साधारण चाय विक्रेता जरूर होगा मगर कोई भी विषय में उसका सोचने समझने का तरीका औरों से बहुत हटकर था।1 दिन पूनम ने खुद होकर हरी से वह बात पूछ ली,”तुमने कैसे जाना कि मैं अभी तक उस रिश्ते से उबर नहीं पाई हूँ”।”दीदी आपकी मुस्कान के पीछे छुपी हुई उदासी सब बयां कर देती है “” अब तुम क्या लव एक्सपर्ट भी हो!”” इन सबसे गुजर चुका हूं, साल लग गए थे उबरने में! आपका प्यार मेरा प्यार अलग अलग थोड़ी ना होते होंगे! इसलिए आप की हालत समझते देर नहीं लगी, इसलिए उस दिन आपसे पूछ गया!”” हरि!!कोशिश तो करती हूं उन यादों को समेट कर रख दूं कहीं,शाम ढलती है और हवाओं से फिर बिखर जाती हूँ वहीं “” दीदी एक राय दूं? शायद आपके काम आ जाए””हां जरूर”” बस एक बात सोचो कि जिस इंसान के लिए आपने अपना इतना जीवन प्रभावित कर दिया, आंसू की नदियां बहा डाली, दिन-रात बेचैन रहने मजबूर हो गई!! क्या उस इंसान का भी आपके जैसा हाल है? क्या उन्हें आपकी ऐसी स्थिति का थोड़ा भी अनुमान है?””ऐसा बिल्कुल नहीं है, वह तो बहुत मौज में जी रहा है, सुना है मुझसे अलग हुए एक हफ्ता भी ना बिता होगा और उसे फिरसे किसी और से प्रेम हो गया।””दीदी यह बात तो पक्की है ना, अगर उन्हें आपकी थोड़ी भी परवाह होती तो आपको कभी ऐसी हालत में छोड़कर जा सकते थे वो? अगर सच्चा प्यार होता ना तो कभी आपकी ऐसी हालत ही नही करते।”” ह्म्म “” फिर उस इंसान के लिए इतना क्या सोचना? वो तो कुछ महीने या साल आपके साथ रिश्त में होंगे, हम इन सब में उन लोगों को क्यों और कैसे भूल जाते हैं? जिन्होंने आपको जन्म दिया, इतना पाला-पोसा, पढ़ाया-लिखाया, कि आज आप इतनी बड़ी फ़र्म में काम करने लायक बन पाई! उन्हें कैसा लगेगा जब वे जानेंगे कि आपकी हालत ऐसी है! कुछ नहीं तो केवल उनके लिए अपने आप को खुश रखना आपका कर्तव्य बनता है, इसलिए बिना मतलब के उदास बैठे रहने से कुछ नहीं मिलने वाला! आप अपनी वैल्यू समझें खूद से प्रेम करिये और आगे बढ़े!!””हां समझ गई हरि जी! आपको एक प्रचारक बनना चाहिए”पूनम ने हरी की सारी बातें बहुत ध्यान से सुनी, उसका कहा एक एक शब्द बिल्कुल सही था, वह अब तक का पहला इंसान होगा जिसने उसके भीतर चल रहे संघर्ष को समझा हो, उसकी बातें सचमुच असर करने लगी।”नहीं दीदी, मैं एक दिन प्रधानमंत्री बनूंगा” हरि ने हमेशा की तरह चहकते हुए कहा।पूनम हरि की बातों सुन कर एक लंबे अर्से बाद अनवरत हंसने लगी और अचानक हंसते-हंसते उसे रोना सा आने लगा। यह देख हरि ने उस समय के बीच अपने दिल की बात कही जब वो अपने आंसू भरे चेहरे को छिपाने की कोशिश कर रही थी।” दीदी,आज टूट जाने दो इन दर्द के बांध को,आंसुओं के रास्तों से इन्हें बह निकलने दो,सींचने दो इन्हें भविष्य की खुशियों सेबस ये आंसू आज गिरे, कल आंखों में एक ना होकल आंखों में एक ना हो….”अगले दिन….”मैं अब हल्का महसूस कर रही हूँ, जैसे कि लंबे समय का दबा हुआ जहर, बाहर निकल गया हो।”” यह बहुत अच्छी बात है मगर अभी इलाज और बचा है”” अब और क्या करना होगा?”” एक खेल खेलना होगा!”” मतलब मैं समझी नहीं”” अब आपको उन पहलुओं के बारे में सोचता है कि अगर आप अभी भी उस रिश्ते में होती तो क्या अनर्थ हो जाता? अगर आपको एक सही जवाब मिल गया तो समझो आपने अपनी लड़ाई जीत ली “” यह कुछ अलग लग रहा है…. …. सोचने दो…हम्म…अपनी जिंदगी में सेल्फ डिपेंडेंट बनना मेरा सबसे बड़ा सपना था मगर उसे मेरा काम करने का भी सोचना पसंद नहीं था, वो मुझे हमेशा अपने अपने हिसाब से चलाना चाहता था, शक्की तो वो बहुत था,,,हमारी कास्ट भी अलग थी और मेरे मम्मी पापा उससे मेरी शादी कराने राजी नहीं होते…मैं उनसे लडझगड कर कभी शादी नही कर सकती थी,,और इसी वजह से..मैं …….खुद उसे छोड़ देती…!!!मैंने ये क्या कह दिया!! ये क्या बोल दिया मैनें??…. क्या मैं सच में ऐसा करती??हे भगवान मुझे तो खुश होना चाहिए कि मेरा ब्रेकअप हो गया है!! हरि तुम तो स्टार निकले!!! आज तुम मुझसे जो मांगो में तुम्हें सब दे दूं” इस तरह से सोचने पर पूनम खुद आश्चर्यचकित रह गई।” आपसे कुछ कराने का ये बहुत अच्छा मौका है!! तो फिर सुनिए! उनसे जुड़ी हर एक छोटी से बड़ी चीज नष्ट कर दीजिये “पूनम ने शान से अपना पर्स खोला, उसकी तस्वीर निकाली और उसके चार टुकड़े कर कूड़ेदान में तुरंत फेंक दिया, यह देख खुशी के मारे हरि ताली बजाने लगा।पूनम ने अपना एक नया मजबूत,आत्मविश्वास और परिपक्व संस्करण महसूस किया। टूटा प्यार, प्यार के मुकाबले अधिक शक्तीशाली होता है, यह बात उसे समझ आ गई ।आज वह बेहद खुश थी सोचा घर में बात कर लिया जाए।” बेटा अभी हम तुम्हें ही याद कर रहे थे!”” अच्छा!!”” तेरे लिए रिश्ता आया है,लड़का आईटी में है, उसके पेरेंट्स को हम पहले से ही जानते हैं बहुत सज्जन लोग हैं, तुम छुट्टियों में जब आओगी तो तुम्हारी मुलाकात राजीव से भी हो जाएगी “”पापा, मुझे कुछ जरूरी काम खत्म करना है। मैं आपसे बाद में बात करती हूँ ” पूनम ने शादी की बात सुनकर आनन फानन फोन काट दिया।”घरवाले शादी करवाना चाहते हैं! मैं बिल्कुल तैयार नहीं हूं हरि, मुझे अब कभी प्यार नहीं हो सकता” बिना झिझक पूनम ने हरि से कहा।” दीदी बिल्कुल टेंशन ना ले! किसी से मिलने में कोई नुकसान नहीं!! इस बीच आप अपने लाइफ पार्टनर में क्या-क्या बातें चाहती हैं सोचे! अगर वो खरा उतरा तो ठीक, नहीं तो टाटा बाय बाय! सिंपल””पूनम उन्होंने तुम्हारा नंबर लिया है! तैयार रहना कभी भी फोन आ सकता है!”” छुट्टियों में आ तो रही थी फोन नंबर देने की क्या जरूरत थी?”” ठीक है ना बात कर लो! एक दूसरे को जान पहचान लो, हमारे जमाने में यह सब कहां चलता था!! राजीव की फोटो देखी? कितना हैंडसम है!!”” आपको इतना पसंद है तो आप ही शादी कर लीजिए! हर आदमी फोटो में अच्छा ही दिखता है मम्मी!! “अगले दिन, पूनम को एक अननोन नंबर से फोन आ रहा था उसे अपनी मम्मी की बात याद आई शायद यह वही तो नहीं ….।” हेलो पूनम मैं राजीव बात कर रहा हूं! आपसे बात करने का क्या यह सही समय है?”सामने वाले की मिश्री सी मीठी आवाज सुनकर पूनम ने घबराते हुए कहा ।”जी बिल्कुल कहिये”” आप तो जानती ही होंगी हमारी शादी की बातचीत चल रही है, मैं अपने मम्मी पापा के द्वारा बताई गई बातों से ज्यादा आपको खुद जानना चाहता हूं, सच पूछो तो शादी के नाम से मुझे बहुत डर लगता है!””सच कहूं तो मुझे भी”” क्या हम पहले दोस्त बन सकते हैं?”उसकी यह अपील पूनम को सरलता से बात करने का हौसला देने लगी, करीब 1 घंटे की सामान्य बातचीत के बाद वह एक मुस्कुराहट के साथ फोन रखती है।राजीव का जो अपने जीवन साथी के लिए नजरिया था उसके विचारों से वह बहुत प्रभावित हो गई, वैसे ही जैसा उसने भी अपने जीवन साथी के लिए कल्पना कर रखी थी।”हरि, मैंने कल राजीव से बात की!””आपकी मुस्कुराहट बता रही है कि वो आपको पसंद आ गया हैं “।कुछ दिनों बाद, घबराई हुई पूनम दोनों परिवारों की सभी चर्चाओं और हँसी अपने कमरे में बैठे सुन रही थी।”बेटी पूनम !! आओ सभी से मिलो”।वह धीरे से सभी के समक्ष पहुँची, हाथ जोड़, सिर झुकाकर सभी को “नमस्ते” कहते एक जगह जाकर बैठ गई।”इनसे मिलो ये हैं राजीव!”रमेश जी ने उसके कंधों को थपथपाया और उन्हें दूसरे कमरे की और जाने का रास्ता दिखाया, वे झिझकते हुए उठ खड़े हुए और कमरे की ओर जाने लगे और रमेश जी वापस मेहमानों के बीच जाकर बातें करने लगे।राजीव अपनी मैट्रिमोनियल फोटो से कहीं अधिक खूबसूरत निकले, उनके चांदी रंग के फ्रेम वाले चश्मे, एक सामान्य सफेद शर्ट उनके व्यक्तित्व के बिल्कुल अनुकूल थी, उनका लगाया मद्धम खुशबू वाला इत्र पूनम को मंत्रमुग्ध कर रहा था।”आपका घर बहुत सुंदर है”, राजीव ने कमरे के सभी कोनों को देखते हुए कहा।”थैंक्स”कुछ मिनट की बातचीत के बाद, वे कमरें के बाहर आ गए और अपने अपने माता-पिता के साथ बैठ गए। पूनम को राजीव का परिवार शांत और सरल लगा।हरि को दिए वादे के अनुसार, पूनम ने मुस्कुराते हुए उस सहेज कर रखे हुए बक्से को खोला, जिसमें उसके दिए उपहार, वो डायरी और वो सूखे लाल गुलाब जो उसने उसे कभी अपने प्रेम का इजहार करते वक़्त दिये थे । पूनम ने उन्हें आखरी बार जी भर कर निहाते हुए खुद से कहा,” तुम्हारे साथ जितने भी पल गुजारे वे बहुत खूबसूरत थे कपिल, मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं, मैं तो बस यही सोच कर खुश हूं कि तुम्हारे लिए मेरा प्यार सो प्रतिशत सच्चा था। तुमसे जो दर्द मिले उसके लिए थैंक यू! इसने मुझे बहुत कुछ सिखाया। ऊपरवाला तुम्हें हमेशा खुश रखे, अलविदा।”राजीव और पूनम की बातचीत दिन से होते हुए रात तक पहुंचने लगी, वे हर एक बात पर स्वस्थ चर्चा करते थे, उन दोनों का आपसी तालमेंल बहुत अनूठा बनने लगा ।कुछ ही महीनों के भीतर उनके बीच विशेष संबंध स्थापित होने लगे। वे एक-दूसरे को भले काम की बात हो, दोस्तों की, रिश्तेदार हो या कोई फिल्म उनके बीच बहुत सहयोगात्मक स्वस्थ चर्चा होती थी। वे दोनों जिस तरह से थे, एक दूसरे को पसंद करने लगे। पर पूनम ने शादी के लिए अभी तक हां नहीं करी थी।एक दिन पूनम ने अपने अतीत के बारे में बताने का फैसला किया और कहा,’ मैं कभी प्यार में थी, वो रिश्ता इतना लंबा भी नहीं था जितनी की उसकी जुदाई मुझे गम दे गई थी।”” मैं समझ सकता हूं, मुझे भी एक लड़की बहुत पसंद थी पर वो मुझसे नहीं किसी और से प्यार करती थी। मेरी लाइफ के वह बहुत मुश्किल भरे दिन थे, कुछ समय बाद एहसास हुआ कि हमे किसी से प्यार की भीख नहीं मांगनी चाहिए। प्यार किसीसे कराया नही जा सकता ये तो बस हो जाता है।”” आप तो परफेक्ट हैं कोई लड़की आपको कैसे पसंद नहीं कर सकती?””परफेक्ट तो तुम भी हो। शायद वे दोनों बहुत बदकिस्मत थे जिनकी किस्मत में हम नहीं!” हर बार की तरह राजीव ने प्रभावशाली ढंग से जवाब दिया और हमेशा की तरह पूनम मुस्कुरा उठी।” कैसे हैं वो?” हरि ने उत्सुकतापूर्वक पूनम से पूछा।”वे बहुत अंडरस्टैंडिंग हैं, मेरी हर छोटी बड़ी बात बिना कहे समझ जाते हैं, वे भी मेरी तरह कभी प्यार में थे। क्या मुझे हाँ कर देनी चाहिए? पूनम ने हरि से उसकी राय पूछी।”दीदी जो इंसान आपकी भावनाओं को समझता हो वो आपको हमेशा खुश रखेगा! आप फाइनल कर दो और आज की चाय मेरी तरफ से!! ” हरि पूनम के लिए बहुत खुश हुआ।”मुझे पता चला है कि तुमने शादी के लिए हाँ कर दी? वो भी मुझसे बिना पूछे?” राजीव ने पूनम को मज़ाक से कहा।”मुझे आपका जवाब पता था इसलिए आप से पुछकर टाइम वेस्ट क्यों करूं?” यह कहकर दोनों एक साथ हंस पड़े, पूनम अब अपने पुराने रंग में ढलने लगी।राजीव ने अपना हाल-ए-दिल बयां करने का दिन चुन लिया, शायद उसके सामने वह अपनी बात अच्छे से बयां ना कर पाए, इसलिए उसने लाल गुलाब के गुलदस्ते के साथ एक चिट्ठी में अपने दिल का फसाना लिखकर उसे कैंडल लाइट डिनर पर ले गया।”आज तुम बहुत खूबसूरत दिख रही हो”” आप भी हमेशा की तरह हैंडसम दिख रहे हैं, ये फूलों का गुलदस्ता सामने वाली मेज पर बैठी लड़की के लिए है क्या?” पूनम तो जानती थी कि वह गुलदस्ता उसी के लिए उसने चिढ़ाते हुए राजीव से कहा।राजीव उसे खत देने में थोड़ा झिझक रहा था, क्या पता उसके लिए वह भी वैसा महसूस करती है कि नहीं ?” ये तुम्हारे लिए ही है!!”” थैंक यू इसमें एक चिट्ठी भी है! जरा खोल कर पढ़ूं इसमें लिखा क्या है?” उसने उस लाल लिफाफे को खोल कर भीतर लिखें राजीव के दिल के अल्फाज पढ़ें,,,आखिर ये प्यार होता क्या है? मैं जानता नहीं हूं, मगर जब तुम सामने होती हो तो मेरी तलाश खत्म हो जाती हैआज इस खत से अपनी मोहब्बत तुम्हारे नाम करना चाहता हूं,जब ये दिल हक से कह सके कि, मैं तुम्हारा और तुम मेरी हो ।राजीव ने अनेक मौकों पर उसका दिल पहले से ही जीत लिया था। उसे राजीव के प्रति अपने प्रेम का एहसास कुछ दिनों से होने लगा था, उसका खत हर पंक्ति के साथ मुस्कुराते हुए अपनी प्रतिक्रया बिना दिये पढ़कर वह उसे सहेज कर अपने पर्स में रख लेती है ।” तुम्हारे साथ अच्छा वक्त बीता पूनम!”” मेरा भी!””चलो फिर जल्द मुलाकात होगी!” यह कहते हुए राजीव जाने लगा, पूनम की प्रतिक्रिया ना देखते हुए उसे लग रहा था कि अपने प्यार का इजहार उसने थोड़ा पहले कर दिया।पूनम मुस्कुराई और सहजता से उसकी बाहों में समा कर अपनी भावनाएँ उसके कानों में कहने लगी,” तुम्हें आज ये इजहार करना चाहती हूं कि मैं तो कबसे तुम्हारी हो चुकी हूं,यह दिल जब से तुमसे मिला है, सदा यही कहता है कि तुम मेरे और मैं तुम्हारी हूं”वे दोनों एक दूसरे की आंखों में डूबे हुए एक दूसरे को निरंतर मुस्कुराते हुए देखते रहे,, देखते रहे,,,और वो पल हमेशा उनकी खूबसूरत यादों में कैद होकर रह गया।हम लाख कोशिश कर लें मगर कोई भी अपने पहले प्यार की खट्टी, मीठी, कड़वी यादों को भुला नहीं सकता, कई लोगों को अपने ब्रेकअप से उभरने बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जिसके दर्द की सीमा को कोई आम इंसान नाप नहीं सकता ।उस गुजरे हुए अतीत को सकारात्मक रूप से अपनाकर इंसान फिर से नई शुरुआत जरूर कर सकता है ।

आपकी

रूचि पंत