उसकी आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा था, कुछ ही पल में चक्कर आने लगे, गरिमा खुद को सम्भाल ना सकी और धम्म से कॉलेज कैम्पस में गिर पड़ी।
” गरिमा क्या हुआ? तुम ठीक तो हो? ” उसकी दोस्त नताशा उसकी तरफ दौड़ते उसे सम्हालते पूछने लगी।
” यार कुछ समझ नहीं आया मैं अचानक से कैसे गिर गई? अभी तक कुछ साफ़ सा नहीं दिख रहा। ” गरिमा एकदम से कमजोर पड़ चुकी थी और अपनी आंखें खोल ने में असहज हो रही थी ।
” क्या यह सब पहली बार हुआ है?” नताशा उससे परेशान होकर पूछती हैं।
” हां यार इससे पहले तो कभी कुछ ऐसा नहीं लगा।” गरिमा को रत्ती भर समझ नहीं आ रहा था कि उसके साथ क्या हुआ था।
“तू टेंशन मत ले, मैं तेरे घर कॉल करती हूं। ” नताशा ने उसका फोन निकाला और स्मिता आंटी को उसकी हालत से रुबरु कराया। स्मिता जी आनन-फानन उसके कॉलेज पहुंच कर सीधा उसे जीपी के पास ले गई।
“गरिमा आप प्रॉपर खाना-पीना खा रही हैं? ” डॉक्टर ने उसका ब्लड प्रेशर पल्स रेट देखकर पूछा।
” डॉक्टर मैं पहले सब अच्छे से खाती थी मगर अभी कुछ महीनों से डाइटिंग कर रही हूं। ” गरिमा ने उनसे कहा।
” मैं क्या बताऊँ डॉक्टर मेरी तो एक नहीं सुनती है ये लड़की। जो भी बना कर दो सब में ना। कितनी बार कहा कि ठीक से खाया पिया करो नहीं तो कमजोर पड़ जाउंगी । मगर वजन घटाने जैसे भूत सावर सर पर चढ़ गया इसे। ” स्मिता जी ने उन्हें सारी बातें स्पष्ट रूप से कह दी ।
” दर-असल मैडम मेरा वेट जीम में मेरी लास्ट रीडिंग जितना आना जरूरी है, ये उस जीम की पॉलिसी है। मेरी रीडिंग ज्यादा ना आजाये इसलिए में खाना नहीं खाती हूं। “
” डाइटिंग करने से पहले क्या तुमने कहीं से काउंसलिंग की थी?”
” नहीं, मैं तो बस अपने हिसाब से खाना पीना छोड़ दे रही हूं।”
” जिसका नतीजा आज तुम्हारे सामने है। तुम्हें पता है इस तरह से खाना-पीना छोड़ने के कितने गंभीर परिणाम होते हैं? “
“डॉक्टर मैडम प्लीज आप ही इसे कुछ समझाइए । कॉलेज की बाकी लड़कियों की देखा-देखी इसे भी बिल्कुल उनकी तरह खूबसूरत दिखना है भले जो हो। “
” गरिमा आंखों के सामने काला अंधेरा छाना, चक्कर आना, कमजोरी महसूस करना, यह सब शरीर में मिनरल्स और विटामिंस की कमी के संकेत हैं। और तुम्हें बताना चाहूँगी कि तुम्हारी आंखें कमजोर होनी शुरू हो रही है।” डॉक्टर ने उसकी आंखें देखते हुए कहा।गरिमा और स्मिता जी उनकी बातें सुनकर हैरान हो गई।
” मैडम मुझे अब क्या करना चाहिए? प्लीज बताइए आप जो बोलेंगी मैं पक्का करूंगी। ” गरिमा वजन घटाने के चक्कर में अपना बहुत कुछ खोते महसूस कर घबराने लगी।
” सबसे पहले अपने हिसाब से डाइटिंग करना बंद करो। तुम्हारी हाइट के हिसाब से तुम्हारा वेट बहुत ज्यादा नहीं है। पौष्टिक खाना खाओ जैसे की दूध , दही , पनीर , हरी सब्ज़ियाँ , ढेर सारा सलाद , सभी प्रकार के अनाज, फल, अंकुरित आदि । दिन में 1 1/2 से 2 लीटर पानी पीने का टारगेट रखो, फलों में अनार अवश्य खाओ। पूरे 1 महीने तक इसे फॉलो करो, अगर इस बीच फिर से चक्कर आते है तो हम कुछ टेस्ट करने होंगे और अगर सब ठीक है तो फिर घबराने वाली कोई बात नहीं है।” डॉक्टर ने उसे अपनी तरफ से सलाह दी।
“अब सुन लिया? इतने दिनों से तुम्हें समझा रही थी पर मेरी बात का तुम्हें कोई असर ही नहीं होता गरिमा। कल को तुम्हारे साथ कुछ कम ज्यादा हो जाता तो क्या फायदा ऐसे वेट घटाने का?” स्मिता जी ने उसे समझाते हुए कहा।
” चलो गरिमा अपनी मम्मी को सॉरी बोलो और जैसा वो तुम्हें खाना-पीना देंगी उसे अच्छे से खाओ। अगली बार डाइटिंग करने से पहले हजार बार सोचा करो।”
“सॉरी मम्मी!! और अगली बार खुद से डाइटिंग ना बाबा ना” गरिमा ने अपने कान पकड़ते हुए कहा।
थोड़ी देर से ही सही गरिमा को नियम से पोष्टिक खाने के फायदे समझ आने लगे और वो निमित रूप से उनका सेवन करने लगी। उसने वो जीम छोड़ दिया जहा शरीर से खिलवाड़ करने वाले नियम थे और पास में स्थित योग क्लास जाने लगी जिससे उसका मन और तन स्वस्थ्य रहने लगे।
दोस्तों, बिना सटीक जानकारी और ज्ञान के बगैर अपने खाने-पीने से छेड़छाड़ करना बहुत दुष्परिणाम साबित हो सकता है।
कृपया कर जब कभी भी कुछ बदलाव करना चाहें तो बिना एक्सपर्ट की राय लिए ना करे और किसी भी दुविधा को दूर करने मैं हमेशा आपके पास उपलब्ध हूं।
आपकी,रुचि पंत
(पोषाहार विशेषज्ञ एवं योग आचार्य)।